अर्णव (बेटा) मिलकर स्वादिष्ट डिनर बनाते हैं और मैं चटखारे लेकर खाती हूँ। अर्णव (बेटा) मिलकर स्वादिष्ट डिनर बनाते हैं और मैं चटखारे लेकर खाती हूँ।
आज सुधा की सुसराल में पहली रसोई थी ।सुबह जल्दी उठते ही वह काम में लग गई । आज सुधा की सुसराल में पहली रसोई थी ।सुबह जल्दी उठते ही वह काम में लग गई ।
हम सब अक्सर बड़ों की सब बातें उनकी सनक कह कर टाल देते हैं और उनके तजुर्बे की कद्र नहीं हम सब अक्सर बड़ों की सब बातें उनकी सनक कह कर टाल देते हैं और उनके तजुर्बे की कद्...
बुरी यादों को तो उसने जला दिया था तो फिर अल्फिया खुश क्यों नहीं थी। बुरी यादों को तो उसने जला दिया था तो फिर अल्फिया खुश क्यों नहीं थी।
आशी और कुछ सुनती तो शायद उसके आँसू और हिचकियों से छुटकी समझ जाती कि उसकी दीदी रो रही है आशी और कुछ सुनती तो शायद उसके आँसू और हिचकियों से छुटकी समझ जाती कि उसकी दीदी रो...
ग की माँ की तीव्र हो रही आवाज़ अब धीरे धीरे मंदी होती जा रही है। ग की माँ की तीव्र हो रही आवाज़ अब धीरे धीरे मंदी होती जा रही है।